Thursday, 3 November 2016

एक मुखी रुद्राक्ष को धरण करने के लाभ

एक मुखी रुद्राक्ष को धरण  करने के लाभ

ek mukhi rudraksh ko dharan krne ke labh

भगवान शिव ने समस्त लोगों के कल्याण के लिए अपने नेत्रों से आंसू के रूप में रुद्राक्ष उत्पन्न किए चूँकि भगवान शिव कल्याण करने वाले देवता हैं इसलिए उनकी आँख से प्रथम आंसू गिरते ही एक मुखी रुद्राक्ष उत्पन्न हुए इसलिए एक मुखी रुद्राक्ष को सबसे महत्वपूर्ण और कल्याणकारी रुद्राक्ष माना गया है | एक मखी को साक्षात भगवान शिव का स्वरुप माना गया है और इस ब्रह्माण्ड की कल्याणकारी वस्तुओं में एक मुखी रुद्राक्ष पहले नंबर पर आता है | एक मुखी दो प्रकार के दाने इस धरती पर पाए गए हैं | एक गोल आकार में है और दूसरा काजू के आकार में है लेकिन जो इसमें नेपाल का गोल दाना है उसीको असली एक मुखी और कल्याणकारी रुद्राक्ष माना गया है |
एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का मंत्र “ॐ ह्रीं नमः” है लेकिन शिव का पंचाक्षर बीज मंत्र “ॐ नमः शिवाय” से भी कोई भी रुद्राक्ष धारण किया जा सकता है 

एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने मात्र से ही गंभीर पापों से मुक्ति मिलकर, मन शांत होकर, इन्द्रियां वश में होकर व्यक्ति ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति की तरफ अग्रसर हो जाता है | शरीर में हाई BP इसके धारण करने से धीरे धीरे नियंत्रित होने लगता है  सभी रुद्राक्षों में एक मुखी रुद्राक्ष को सर्वोत्तम स्थान दिया गया है | इसके धारण करने से शत्रुओं के षड़यंत्र से बचा जा सकता है और भक्ति, मुक्ति, युक्ति एवं धन लक्ष्मी की प्राप्ति में भी यह रुद्राक्ष सहायक है |सूर्य ग्रह यदि कुंडली में खराब है तो भी  एक मुखी रुद्राक्ष को धरण करने से लाभ होता है|

संपर्क करे --+91 76 97 96 15 97 

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